गुरु घासीदास-तमोर पिंगला देश का 56वाँ टाइगर रिजर्व अधिसूचित
- छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण’ (NTCA) की सलाह पर ‘गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व’ को अधिसूचित कर दिया है।
- ‘एनटीसीए’ (National Tiger Conservation Authority) ने गुरु घासीदास-तमोर पिंगला बाघ अभयारण्य को अधिसूचित करने की अंतिम मंजूरी अक्टूबर, 2021 में दी थी।
- इसके साथ ही ‘गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व’ देश में अधिसूचित होने वाला 56वां टाइगर रिजर्व बन गया है।
- इस अधिसूचना के साथ, छत्तीसगढ़ में अब 4 बाघ रिजर्व हो गए हैं। छत्तीसगढ़ में अन्य तीन टाइगर रिजर्व उदंती-सीतानदी, अचानकमार एवं इंद्रावती हैं।
- इस आशय की जानकारी केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र्र यादव द्वारा 18 नवम्बर, 2024 को साझा की गई।
अभयारण्य के बारे में
- छत्तीसगढ़ का यह बाघ अभयारण्य आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है।
- ‘गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व’ छत्तीसगढ़ के मनेंद्र्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में 2,829 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
- कुल 2829.38 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 2049.2 वर्ग किलोमीटर का कोर/ क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट शामिल है, जिसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
- इसका बफर क्षेत्र 780.15 वर्ग किलोमीटर का है।
- नव अधिसूचित बाघ अभयारण्य मध्य प्रदेश में संजय दुबरी बाघ अभयारण्य से सटा हुआ है। इसके अलावा यह अभयारण्य पश्चिम में मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य और पूर्व में झारखंड के पलामू बाघ अभयारण्य से जुड़ा हुआ है।
- यह बाघ अभयारण्य छोटा नागपुर पठार और आंशिक रूप से बघेलखंड पठार में स्थित है।
- वन्य जीवन : भारतीय प्राणी सर्वेक्षण द्वारा किए गए दस्तावेजीकरण के अनुसार इस बाघ अभयारण्य में 365 अकशेरुकी और 388 कशेरुकी सहित कुल 753 प्रजातियाँ हैं।
- कशेरुकी जीवों में पक्षियों की 230 प्रजातियाँ और स्तनधारियों की 55 प्रजातियाँ हैं, जिनमें से कई संकटग्रस्त हैं।