विश्व एड्स दिवस 2024 (World AIDS Day)
- विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day), 1988 से प्रति वर्ष 1 दिसंबर को मनाया जा रहा है।
- यह एचआईवी (Human Immunodeficiency Virus)/एड्स (Acquired Immune Deficiency Syndrome) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लोगों को एकजुट करने तथा महामारी के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है।
- 2024 का विषय : विश्व एड्स दिवस 2024 का विषय, “सही रास्ता अपनाएं: मेरी स्वास्थ्य, मेरा अधिकार!” (Take the rights path: My health, my right) है।
- वर्ष 2024 का विषय मानवाधिकारों की भूमिका को उजागर करता है
- भारत जैसे देशों में नए एचआईवी संक्रमण मामलों में कमी आई है, जहां एक मजबूत कानूनी संरचना और बढ़े हुई वित्तीय निवेशों ने 2030 तक एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करने के लक्ष्य की प्राप्ति करने की दिशा में प्रगति की है।
एचआईवी/एड्स की वर्तमान स्थिति
- राष्ट्रीय स्तर पर, भारत एचआईवी अनुमान 2023 रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में 25 लाख से ज्यादा लोग एचआईवी से पीड़ित हैं।
- इस मामले में देश ने उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें वयस्क एचआईवी प्रसार 0.2% दर्ज किया गया है और अनुमान है कि वार्षिक रूप से नए एचआईवी संक्रमणों की संख्या 66,400 है, जिसमें 2010 के बाद से 44% की कमी आयी है।
- भारत ने 39% की वैश्विक कमी दर को पीछे छोड़ दिया है, जो निरंतर किए गए मध्यवर्तनों की सफलता को दर्शाता है।
भारत की एचआईवी/एड्स महामारी पर प्रतिक्रिया: एक व्यापक दृष्टिकोण
- भारत में एचआईवी/एड्स महामारी के खिलाफ लड़ाई 1985 में शुरू हुई। इसे विभिन्न जनसंख्या समूहों एवं भौगोलिक स्थानों में वायरस का पता लगाने के लिए सीरो-सर्वेक्षण के साथ शुरू किया गया।
- एनएसीपी का पांचवां चरण केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में 2021-26 के लिए 15,471.94 करोड़ रुपये की लागत के साथ शुरू किया गया
- एनएसीपी के पांचवे चरण का उद्देश्य पिछली उपलब्धियों को आगे बढ़ाना और लगातार चुनौतियों का समाधान करना, साथ ही 2010 के आधारभूत मूल्य से 2025-26 तक वार्षिक नए एचआईवी संक्रमण एवं एड्स संबंधित मृत्यु दर में 80% तक कमी लाना है।